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सिरिंज और रक्त नलिका

रक्त परीक्षणों से डॉक्टरों को कैंसर जैसी कुछ बीमारियों और समस्याओं की जांच करने में सहायता मिलती है। इनसे यह जांचने में भी सहायता मिलती है कि आपका शरीर और अंग ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं। इनसे यह भी प्रदर्शित होता है कि उपचार कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं। रक्त परीक्षण पूरा करने के लिए आपके शरीर से रक्त को रक्त नलिका में लेने के लिए एक सुई का उपयोग किया जाता है।

माइक्रोस्कोप

रक्त को एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है, जहाँ मशीनों और माइक्रोस्कोप का उपयोग करके इसका परीक्षण किया जाता है। इसके बाद डॉक्टर को रिपोर्ट भेजी जाती है।

एक्स-रे मशीन

एक्स-रे कराने के लिए व्यक्ति को बिस्तर पर लेटना पड़ता है या मशीन के बगल में खड़ा होना पड़ता है। फिर एक रेडियोग्राफर चित्र लेता है, जो कंप्यूटर या फिल्म पर दिखते हैं।

एक्स-रे चित्र

एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनें शरीर के अंदर के चित्र लेते हैं। इनका उपयोग कैंसर कोशिकाओं या ट्यूमर्स खोजने के लिए किया जा सकता है।

अल्ट्रासाउंड चित्र

एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड का उपयोग केवल कैंसर के लिए ही नहीं, बल्कि कई कारणों के लिए किया जाता है। यदि आपका हाथ या पैर टूट जाता है, तो आपको एक्स-रे की आवश्यकता हो सकती है। और नई माताएँ अल्ट्रासाउंड कराती हैं, ताकि वे अपने शिशु के पैदा होने से पहले ही उसे देख सकें!

अल्ट्रासाउंड मशीन

सोनोग्राफर अल्ट्रासाउंड चित्र बनाने में सहायता करता है।  जहाँ चित्र लेने होते हैं, वे उसके ऊपर की त्वचा पर जेल लगाते हैं और फिर उसपर एक पैडल को रॉल करते हैं। इससे चित्र लिए जाते हैं और फिर उन्हें कंप्यूटर में भेजा जाता है, ताकि डॉक्टर उन्हें स्क्रीन पर देख सकें।

सीटी स्कैनर

सीटी और एमआरआई स्कैन शरीर के अंदर के बहुत स्पष्ट चित्र लेने के लिए बड़ी मशीनों का उपयोग करते हैं।

रेडियोग्राफर और डॉक्टर चित्रों का उपयोग करके यह यह देखते हैं कि कैंसर कोशिकाएँ क्या कर रही हैं।

पीआईसीसी लाइन

कैंसर-ग्रस्त लोगों को बहुत सारी दवाइयों की आवश्यकता हो सकती है। वे लाइन्स और पोर्ट्स के माध्यम से कुछ दवाइयाँ ले सकते हैं, ताकि उन्हें गोलियाँ या बहुत सारा तरल-पदार्थ निगलना न पड़े। ये प्रवेशनियों की तरह ही होती हैं, लेकिन लंबे समय के लिए चलती हैं।

एमआरआई मशीन

एमआरआई मशीन एक बिस्तर की तरह दिखाई देती है, जिसके चारों ओर बड़ी सुरंग होती है। व्यक्ति बिस्तर पर लेट जाता है, और फिर यह बहुत धीरे-धीरे सुरंग के अंदर और बाहर जाता है। रेडियोग्राफर दूसरे कमरे से मशीन का संचालन करता है।

रक्त थैली

रक्त की थैलियों का उपयोग रक्त के विश्वसनीय संग्रह, पृथक्करण, भंडारण और परिवहन के लिए किया जाता है। रक्त की थैलियाँ रक्त को बहुत गाढ़ा होने से रोकने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं और इससे रक्ताधान के दौरान रक्त और मज्जा (मैरो) का ठीक से मिश्रित हो पाना सुनिश्चित होता है

कैथेटर

कैथेटर एक पतली, लचीली नलिका होती है, जिससे आपके शरीर में तरल-पदार्थ डाला जा सकता है या बाहर निकाला जा सकता है।

नियंत्रण कक्ष

रेडिएशन थेरेपिस्ट बगल में स्थित कमरे से मशीन को नियंत्रित करेंगे। वे

आपको देख पाएँगे और स्पीकर के माध्यम से रोगी से बात कर पाएँगे,

और यदि आवश्यक हो, तो वे उपचार को रोक सकते हैं।

अस्पताल में बिस्तर

अस्पताल मे बिस्तर को विशेष रूप से अस्पताल में भर्ती किए गए रोगियों या अन्य लोगों के लिए डिज़ाइन किया जाता है, जिन्हें अस्पताल के वॉर्ड में किसी प्रकार की स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है। इन बिस्तरों में रोगी के आराम और सकुशलता के साथ-साथ डॉक्टरों और नर्सों के लिए एक्सेस में आसानी देने के लिए विशेषताएँ होती हैं। सामान्य विशेषताओं में शामिल हैं – पूरे बिस्तर, सिर और पैरों के लिए एडजस्टेबल ऊंचाई, एडजस्टेबल साइड रेल्स, और बिस्तर व आस-पास के अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बटन।

अस्पताल में मास्क

ऑपरेटिंग रूम को कीटाणुमुक्त रखने के उद्देश्य से वहाँ काम करने वाले लोग कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए विशेष कपड़ों के साथ-साथ अपने बालों पर टोपी तथा मुंह और नाक पर मास्क पहनते हैं। वे अपने जूतों के ऊपर डिस्पोज़ेबल बूटीज़ भी पहनते हैं! वे सभी एक जैसे दिख सकते हैं, लेकिन ऑपरेटिंग रूम में एक विशेषज्ञ उपचार टीम के हिस्से के रूप में काम करने के लिए हर किसी के पास एक अलग और महत्वपूर्ण कार्य होता है।

आईवी ड्रिप

आईवी ड्रिप को कभी-कभी प्रवेशनी, ड्रिप या फिर बस आईवी भी कहा जाता है। यह कम लंबाई की, छोटी सी प्लास्टिक नलिका होती है, जिसे सुई का उपयोग करके रोगी की नस में डाला जाता है। फिर इस प्लास्टिक नलिका को नस में छोड़ दिया जाता है, ताकि तरल-पदार्थ और दवाइयाँ रक्तप्रवाह के माध्यम से सीधे शरीर में प्रविष्ट कराई जा सकें। इसका उपयोग कभी-कभी रक्त के नमूने लेने के लिए भी किया जा सकता है।

लीनियर एक्सिलेटर

रेडिएशन थेरेपी लीनियर एक्सिलरेटर कही जाने वाली एक बड़ी मशीन से उत्पन्न की जाती है, जो रोगी के ट्यूमर पर ऊँची ऊर्जा की एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन बीम डालती है।

दवाई

दवाइयाँ अलग-अलग तरह की होती हैं, और ये तरल-पदार्थों या गोलियों के स्वरूपों में हो सकती हैं। अधिकांश दवाइयाँ मुँह से निगलकर ली जाती हैं। एक बार दवाई निगल लिए जाने के बाद पेट में पाचन रस इसे विघटित कर देते हैं और दवाई रक्तप्रवाह में चली जाती है। फिर आपका रक्त इसे आपके शरीर के दूसरे हिस्सों में ले जाता है, जहाँ दवाई की आवश्यकता होती है।

सुई

हाइपोडर्मिक सुई एक खोखली नलिका होती है जिसे सुई की तरह धारदार बनाया जाता है, ताकि इसे किसी के शरीर में प्रविष्ट किया जा सके। शरीर में प्रविष्ट करने के बाद दवाई को स्टील की सुई के माध्यम से धकेला जाता है। इनका उपयोग आपके शरीर से रक्त बाहर निकालने के लिए भी किया जा सकता है, ताकि रक्त का उपयोग यह जाँच करने के लिए किया जा सके कि आपका स्वास्थ्य कैसा है।

सर्जिकल उपकरण

डॉक्टर या सर्जन को कैंसर को निकालने और आपके शरीर को बेहतर बनाने में सहायता के लिए जिन उपकरणों की आवश्यकता होती है, उन्हें सर्जिकल उपकरण कहा जाता है। रोगी डॉक्टर को सर्जरी करते हुए महसूस नहीं कर पाता है क्योंकि उन्हें संवेदनाहारी कही जाने वाली कुछ दवाई दी जाएगी, जो शरीर को दर्द से सुन्न कर देती है और सर्जन के काम करने के दौरान रोगी को गहरी नींद में रखती है।

उपचार काउच

रेडिएशन थेरेपी से उपचारित किए जा रहे सभी रोगियों को एक संकरे बिस्तर पर लेटना होता है, जिसे उपचार काउच कहा जाता है।